भारतीय वैज्ञानिकों ने सूरज को लेकर महत्त्वपूर्ण खोज की है। उन्होंने
शोध में पाया कि सूरज की भूमध्य रेखा का हिस्सा (मध्य भाग) हर दिन करीब 13.98 डिग्री की दर से घूमता
है, जबकि ध्रुव इससे कम गति से (10.5 डिग्री
प्रतिदिन) घूमते हैं। वैज्ञानिकों को यह पहले पता था कि मध्य भाग के मुकाबले ध्रुवों
के पास के क्षेत्र धीमी गति से घूमते हैं। वर्तमान शोध में परिक्रमा के अंतर (डिफरेंशियल
रोटेशन) की दर का पता लगाया गया।इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आइआइए) के वैज्ञानिकों
ने शोध के लिए तमिलनाडु की कोडैकनाल सोलर ऑब्जर्वेटरी के 100 से ज्यादा साल के डेटा का विश्लेषण किया। शोध में पाया गया कि पृथ्वी के सभी
हिस्सों की तरह सूरज के हिस्से समान गति से इसलिए नहीं घूमते, क्योंकि पृथ्वी की तरह सूरज ठोस नहीं है। यह प्लाज्मा का विशाल गोला है। सुपर-हीटेड
गैसों के कारण इसके अलग-अलग हिस्से अलग-अलग गति से घूमते हैं।
सनस्पोट्स से अलग हैं प्लेज और सेल्स
शोधकर्ताओं ने सूरज की सतह पर ‘सोलर प्लेज’ और ‘नेटवर्क सेल्स’ का अध्ययन किया। प्लेज सूरज की सतह पर चमकीले क्षेत्र, जबकि नेटवर्क सेल्स प्लाज्मा की गति से बनने वाले स्ट्रक्चर हैं। ये सनस्पॉट्स से अलग होते हैं। प्लेज और नेटवर्क पूरी सोलर साइकिल के दौरान देखे जा सकते हैं, जबकि सनस्पॉट्स कुछ समय ही दिखाई देते हैं।