मंगल ग्रह तक जाने में लगने वाले समय में होगी कमी

Posted on: 2024-09-26


नासा ने पल्स्ड प्लाज़्मा रॉकेट (PPR) नाम की एक नई रॉकेट तकनीक पर काम शुरू किया हैनासा ने इस रॉकेट पर काम करने के लिए एक टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी के साथ साझेदारी की है| इसका मकसद मंगल ग्रह तक जाने में लगने वाले समय को कम करके दो महीने करना हैइस रॉकेट की मदद से, मंगल ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के साथ-साथ पेलोड को भी बेहतर तरीके से पहुंचाया जा सकता है| 

PPR की क्या-क्या विशेषताएँ होंगी और किस प्रकार से होगा ये उपयोगी

o   मौजूदा तकनीक के मुताबिक, मंगल ग्रह तक जाने में करीब दो साल लगते हैं. इस लंबी यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को कई तरह के स्वास्थ्य खतरे झेलने पड़ते हैं

o   नासा के इस रॉकेट से मंगल ग्रह पर जाने में लगने वाला समय कम होने से, मंगल ग्रह पर मानव मिशन भेजने की संभावना बढ़ेगी | 

o   इस रॉकेट से गहरे अंतरिक्ष में मिशन करना आसान हो जाएगा

o   नासा का लक्ष्य 2030 तक मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने का है |