नासा ने पल्स्ड प्लाज़्मा रॉकेट
(PPR) नाम की एक नई रॉकेट तकनीक
पर काम
शुरू किया
है| नासा
ने इस रॉकेट पर काम
करने के लिए एक टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट कंपनी
के साथ
साझेदारी की है| इसका मकसद
मंगल ग्रह
तक जाने
में लगने
वाले समय
को कम करके दो महीने
करना है| इस रॉकेट की मदद से, मंगल
ग्रह पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने के साथ-साथ पेलोड को भी बेहतर तरीके
से पहुंचाया
जा सकता
है|
PPR की
क्या-क्या विशेषताएँ होंगी और किस प्रकार से होगा ये उपयोगी
o
मौजूदा
तकनीक के मुताबिक, मंगल ग्रह
तक जाने
में करीब
दो साल
लगते हैं. इस लंबी यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को कई तरह के स्वास्थ्य खतरे झेलने
पड़ते हैं |
o
नासा
के इस रॉकेट से मंगल
ग्रह पर जाने में लगने
वाला समय
कम होने
से, मंगल
ग्रह पर मानव मिशन भेजने
की संभावना
बढ़ेगी |
o
इस रॉकेट से गहरे
अंतरिक्ष में
मिशन करना
आसान हो जाएगा |
o नासा का लक्ष्य 2030 तक मंगल ग्रह पर इंसानों को भेजने का है |