क्राँतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11जून 1897 को शाहजहांपुर के खिरनी बाग में हुआ था । उनके पिता का नाम पं मुरलीधर और माता का नाम देवी मूलमती था । परिवार की पृष्ठभूमि आध्यात्मिक और वैदिक थी । पूजन पाठ और सात्विकता उन्हें विरासत में मिली थी । कविता और लेखन की क्षमता भी अद्वितीय थी । जब वे आठवीं कक्षा में आये तब आर्यसमाज के स्वामी सोमदेव के संपर्क में आये और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ गये । 1916 में काँग्रेस के लखनऊ अधिवेशन में सम्मिलित हुये और युवा होंने के कारण उन्हें दायित्व भी मिले । इस सम्मेलन में उनका परिचय लोकमान्य तिलक, डा केशव हेडगेवार, सोमदेव शर्मा और सिद्धगोपाल शुक्ल से हुआ । इन नामों का वर्णन विस्मित जी ने अपनी आत्मकथा में किया है । वे तिलक जी से इतने प्रभावित हुये कि उन्होंने लखनऊ में तिलक जी की शोभा यात्रा निकाली । राम प्रसाद बिस्मिल पुस्तके लिखते, बेचते और जो पैसा मिलता वह स्वतंत्रता संग्राम में लगाते थे । उनकी लेखन क्षमता कितनी अद्वितीय थी इसका अनुमान हम इस बात से ही लगाया सकते हैं कि 1916 में जब उनकी आयु मात्र उन्नीस वर्ष थी तब उन्होंने "अमेरिका का स्वतंत्रता का इतिहास" पुस्तक लिख दी जो कानपुर से प्रकाशित हुई लेकिन जब्त कर ली गयी । इस पुस्तक प्रकाशन के लिये उनकी माता मूलमती देवी ने अपने आभूषण दिये थे जिन्हे बेचकर यह पुस्तक का प्रकाशन हुआ था ।