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6G पर चलने वाला दुनिया का पहला प्रोटोटाइप डिवाइस पेश हुआ है। इस डिवाइस में 100 Gbps की स्पीड से डेटा एक्सेस किया जा सकता है। इसकी इंडोर और आउटडोर दोनों जगह टेस्टिंग की गई है।
दुनिया का पहला 6G प्रोटोटाइप डिवाइस पेश हुआ है। इस हाई स्पीड 6G प्रोटोटाइप डिवाइस में 100 Gbps की स्पीड से डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है। यह मौजूदा 5G टेक्नोलॉजी के मुकाबले 20 गुना ज्यादा तेज है और 300 फीट के एरिया को कवर कर सकता है। जापान की टेलीकॉम कंपनी DOCOMO, NTT कॉर्पोरेशन, NEC कार्पोरेशन और Fujitsu ने मिलकर दुनिया के पहले 6G प्रोटोटाइप डिवाइस को पेश किया है। इस डिवाइस ने 11 अप्रैल को पहली बार 6G नेटवर्क की स्पीड को सफलतापूर्वक टेस्ट किया है।
6G के लिए हाई फ्रिक्वेंसी बैंड की जरूरत होगी, जिसका मतलब है कि फास्ट डाउनलोड अचीव करने के लिए डिवाइस को जरूरी फ्रिक्वेंसी नहीं मिल पाएगी। यही नहीं, 6G की स्पीड को कम करने के लिए कई तरह के अन्य फैक्टर भी होंगे, जिनमें दीवार, बारिश आदि शामिल हैं। कई देशों में इस समय 4G से 5G नेटवर्क में ट्रांजिशन चल रहा है, क्योंकि नए जेनरेशन में पिछले जेनरेशन के मुकाबले तेज डेटा ट्रांसमिशन मिलता है। तेज डेटा ट्रांसमिशन की वजह से वीडियो स्ट्रीमिंग बेहतर हो जाती है।
6G टेक्नोलॉजी में इंटरनेट स्पीड ज्यादा होने की वजह से रियल-टाइम होलोग्राफिक कम्युनिकेशन संभव हो सकेगा। इसके अलावा वर्चुअल और मिक्स्ड रियलिटी एक्सपीरियंस भी बेहतर होगा। हालांकि, 6G टेक्नोलॉजी को अभी कमर्शियली आने में कई और साल लग जाएंगे। यह प्रोटोटाइप डिवाइस दुनिया इस नई जेनरेशन की टेक्नोलॉजी को समझने में और बेहतर करने में रिसर्चर्स की मदद करेगा।